ठंडी हवाएं
प्रतियोगिता हेतु
शीर्षक : "ठंडी हवाएं"
विधा: कविता
दरख्तों से गुजरती ठंडी हवाएं ,
मिलिंद हौले से होंठ गुनगुनाएं..!
सिमटे हुए अक्स धुंधले साए ,
टिमटिमाती रौशनी , जिंदगी गाए ..!
शबनमी मोती बिखरे हुए राह में,
मखमली पत्ते नहाए ओस से ..!
प्यार की महक हवाओं से आती हैं,
छूकर ठंडी हवाएं सुध-बुध भुला देती हैं..!
जब कदमों से सर- सर हवाएं बहती हैं ,
बादलों को दूर बहा ले जाती हैं ..!
#लेखनी
#लेखनी काव्य
#लेखनी काव्य संग्रह
सुनंदा ☺️
Swati chourasia
23-Jan-2022 08:19 AM
Very beautiful 👌
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Sunanda Aswal
23-Jan-2022 11:23 PM
धन्यवाद हृदय से 🌺❤️
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Seema Priyadarshini sahay
23-Jan-2022 01:00 AM
बहुत ही खूबसूरत
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Sunanda Aswal
23-Jan-2022 11:23 PM
धन्यवाद हृदय से 🌺❤️
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